Maa Naina Devi Temple Complete Darshan Bilaspur Himachal Pradesh (माँ नैना देवी मंदिर सम्पूर्ण दर्शन)

naina devi mandir bilaspur himanchal pradesh

माँ नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित एक प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यहाँ माता सती की आँखें गिरी थीं, जिसके कारण इसे नैना देवी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर शिवालिक पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर 1177 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जो न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद देता है। इस लेख में, हम आपको माँ नैना देवी मंदिर के इतिहास, महत्व, वहाँ पहुँचने के तरीकों, निकटतम परिवहन सुविधाओं, आसान मार्गों, और ठहरने की व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताएंगे। Maa Naina Devi Temple Complete Darshan Bilaspur Himachal Pradesh.

माँ नैना देवी मंदिर का इतिहास और महत्व

माँ नैना देवी मंदिर की उत्पत्ति पौराणिक कथाओं से जुड़ी है। हिंदू धर्म के अनुसार, माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह कर लिया था, जिससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने सती के शरीर को कंधे पर उठाकर तांडव नृत्य शुरू कर दिया। इससे देवताओं में हाहाकार मच गया, और भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। ऐसा माना जाता है कि माता सती की आँखें बिलासपुर के इस स्थान पर गिरीं, जिसके बाद यहाँ मंदिर की स्थापना हुई।

मंदिर का इतिहास 8वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब चंदेल वंश के राजा बीर चंद ने इसकी नींव रखी थी। बाद में, एक गुरjar लड़के ने मंदिर की खोज की, जब उसने एक सफेद गाय को पत्थर पर दूध गिराते देखा। उसने सपने में माता को देखा, जिन्होंने उसे बताया कि वह पत्थर उनकी पिंडी है। तब से यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया। यह मंदिर नवरात्रि और श्रावण अष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जब लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं।

मंदिर की विशेषताएँ

  • शक्तिपीठ: माँ नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माता सती की आँखें गिरी थीं।
  • प्राकृतिक सुंदरता (Nature Beauty): मंदिर गोबिंद सागर झील (Govind Sagar Lake) के विहंगम दृश्यों के साथ स्थित है, जो भाखड़ा नांगल बांध (Bhakda Nagal Dam) से निर्मित है।
  • रोपवे सुविधा(Naina Devi Ropeway)​: पहाड़ी पर चढ़ने के लिए रोपवे उपलब्ध है, जो श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाता है।
  • आध्यात्मिक वातावरण: मंदिर परिसर में शांति और भक्ति का माहौल है, जहाँ भक्त ध्यान और प्रार्थना करते हैं।
  • त्योहार (Festivels): नवरात्रि और श्रावण अष्टमी के दौरान मंदिर में मेले लगते हैं, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन होते हैं।

माँ नैना देवी मंदिर कैसे पहुँचें?

मंदिर (Maa Naina Devi Temple Complete Darshan Bilaspur Himachal Pradesh) तक पहुँचने के लिए विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 से जुड़ा हुआ है, जो इसे सुगम बनाता है। यहाँ पहुँचने के लिए हवाई, रेल, और सड़क मार्ग के विकल्प हैं:

1. हवाई मार्ग से

निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। यह दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानों से जुड़ा है। चंडीगढ़ से टैक्सी या बस लेकर मंदिर तक 2.5 से 3 घंटे में पहुँचा जा सकता है। अन्य हवाई अड्डे:

  • शिमला हवाई अड्डा: लगभग 170 किलोमीटर (5 घंटे की ड्राइव)
  • दिल्ली हवाई अड्डा: लगभग 350 किलोमीटर (6-7 घंटे की ड्राइव)

सुझाव: चंडीगढ़ हवाई अड्डा सबसे सुविधाजनक है। वहाँ से निजी टैक्सी या किराए की कार बुक करना बेहतर है।

2. रेल मार्ग से

निकटतम रेलवे स्टेशन आनंदपुर साहिब (20 किलोमीटर) और किरतपुर साहिब (30 किलोमीटर) हैं। ये स्टेशन दिल्ली, चंडीगढ़, और अन्य शहरों से जुड़े हैं। आनंदपुर साहिब से मंदिर तक टैक्सी या बस से 40-45 मिनट में पहुँचा जा सकता है। अन्य रेलवे स्टेशन:

  • चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन: लगभग 100 किलोमीटर (2.5-3 घंटे) (Chandigarh to Naina Devi distance around 100 km)
  • ऊना हिमाचल रेलवे स्टेशन: लगभग 70 किलोमीटर (2 घंटे) (Una to Naina Devi distance around 70 km)

सुझाव: दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस या हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन लेकर चंडीगढ़ या आनंदपुर साहिब पहुँच सकते हैं, फिर वहाँ से स्थानीय परिवहन का उपयोग करें।

3. सड़क मार्ग से

मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 से अच्छी तरह जुड़ा है। दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, और अन्य शहरों से नियमित बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। कुछ प्रमुख दूरी:

  • दिल्ली: 350 किलोमीटर (6-7 घंटे) (Delhi to Naina Devi distance around 350 km)
  • चंडीगढ़: 100 किलोमीटर (2.5-3 घंटे)
  • शिमला: 170 किलोमीटर (4-5 घंटे)
  • आनंदपुर साहिब: 20 किलोमीटर (40-45 मिनट) (Anandpur Sahib to Naina Devi distance around 20 km)

बस से: हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) और निजी बसें चंडीगढ़, दिल्ली, और शिमला से बिलासपुर तक चलती हैं। बिलासपुर से मंदिर तक 10-15 किलोमीटर की दूरी बस या टैक्सी से तय की जा सकती है।

कार से: NH21 के माध्यम से दिल्ली से बिलासपुर तक ड्राइव करना सुंदर दृश्यों के साथ एक यादगार अनुभव है। रास्ते में चंडीगढ़ या ऊना में रुककर भोजन और आराम किया जा सकता है।

सुझाव: निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा करना सबसे सुविधाजनक है, खासकर परिवार के साथ।

4. स्थानीय परिवहन और आसान मार्ग

मंदिर तक पहुँचने के लिए रोपवे सुविधा उपलब्ध है, जो पहाड़ी पर चढ़ाई को आसान बनाती है। रोपवे का समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक है। पैदल चढ़ाई के लिए 500 से 600 सीढ़ियाँ हैं, जो फिट लोगों के लिए उपयुक्त हैं। मंदिर बस स्टैंड से पैदल दूरी 1-2 किलोमीटर है, जहाँ ऑटो-रिक्शा और साझा जीप भी उपलब्ध हैं।

ठहरने की व्यवस्था

मंदिर के आसपास और बिलासपुर में कई ठहरने के विकल्प उपलब्ध हैं, जो हर बजट के लिए उपयुक्त हैं:

  • धर्मशालाएँ: मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशालाएँ किफायती हैं, जहाँ प्रति व्यक्ति 100-300 रुपये प्रतिदिन की दर से ठहर सकते हैं।
  • होटल बिलासपुर (Hotels in Bilaspur): बिलासपुर शहर में 2-3 सितारा होटल उपलब्ध हैं, जैसे होटल मोहन पैलेस और होटल सिटी हार्ट, कीमत 800-2000 रुपये प्रति रात।
  • आनंदपुर साहिब (Anandpur Shahib): 20 किलोमीटर दूर, यहाँ भी होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, जैसे होटल सिटी प्लाजा।
  • कैंपिंग: प्रकृति प्रेमी गोबिंद सागर झील के पास कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं।

सुझाव: नवरात्रि और अन्य त्योहारों के दौरान भीड़ अधिक होती है, इसलिए पहले से बुकिंग कर लें।

आस-पास के दर्शनीय स्थल

मंदिर की यात्रा के साथ आप इन स्थानों का भी भ्रमण कर सकते हैं:

  • गोबिंद सागर झील: मंदिर से दृश्यमान, यहाँ बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है।
  • भाखड़ा नांगल बांध: 50 किलोमीटर दूर, भारत का सबसे बड़ा बांध।
  • आनंदपुर साहिब: 20 किलोमीटर दूर, सिख धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल।
  • किरतपुर साहिब: 30 किलोमीटर दूर, सिख इतिहास से जुड़ा स्थान।

यात्रा के लिए टिप्स

  • सर्वश्रेष्ठ समय: सितंबर से अप्रैल तक का समय सबसे उपयुक्त है। गर्मी और मानसून से बचें।
  • मौसम: सर्दियों में ऊनी कपड़े और मानसून में रेनकोट ले जाएँ।
  • कपड़े: मंदिर में सभ्य वस्त्र पहनें और जूते उतारकर प्रवेश करें।
  • प्रसाद: मंदिर के पास की दुकानों से प्रसाद और स्मृति चिन्ह खरीदें।

निष्कर्ष

माँ नैना देवी मंदिर एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर तीर्थ स्थल है। यहाँ की शांत वातावरण, पौराणिक महत्व, और सुंदर दृश्य इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं। हवाई, रेल, या सड़क मार्ग से यहाँ पहुँचना आसान है, और रोपवे सुविधा इसे और सुगम बनाती है। ठहरने के लिए कई विकल्प और आसपास के दर्शनीय स्थल आपकी यात्रा को और समृद्ध करेंगे। तो, अपनी यात्रा की योजना बनाएँ और माँ नैना देवी के दर्शन के साथ हिमाचल की सुंदरता का आनंद लें। माँ नैना देवी मंदिर, बिलासपुर शक्तिपीठ, हिमाचल तीर्थ यात्रा, रोपवे सुविधा, गोबिंद सागर झील, नवरात्रि दर्शन, हिमाचल पर्यटन, शक्तिपीठ दर्शन।

नैना देवी मंदिर के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. बिलासपुर से नैना देवी मंदिर की दूरी कितनी है?
बिलासपुर से नैना देवी मंदिर की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यात्रा करने में करीब 2.5 से 3 घंटे लग सकते हैं, जो सड़क की स्थिति और यातायात पर निर्भर करता है।

2. चंडीगढ़ से नैना देवी मंदिर की दूरी कितनी है?
चंडीगढ़ से नैना देवी मंदिर की दूरी लगभग 100-105 किलोमीटर है। कार या बस से यात्रा में लगभग 2.5 से 3 घंटे का समय लगता है। आप चंडीगढ़ से टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं।

3. नैना देवी मंदिर कहाँ स्थित है?
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में शिवालिक पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1219 मीटर की ऊँचाई पर है और 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माता सती के नेत्र गिरे थे। यह मंदिर पंजाब के रूपनगर जिले की सीमा के पास है।

4. नैना देवी रोपवे टिकट की कीमत क्या है?
नैना देवी मंदिर तक रोपवे (केबल कार) की टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति लगभग 300-350 रुपये (दोनों तरफ की यात्रा के लिए) है। हालांकि, कीमतें मौसम और मंदिर प्रशासन के नियमों के अनुसार बदल सकती हैं। सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट या रोपवे काउंटर से संपर्क करें।

5. नैना देवी मंदिर तक का रास्ता कैसा है?
नैना देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए कई रास्ते उपलब्ध हैं:

  • सड़क मार्ग: मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 से जुड़ा है। चंडीगढ़, आनंदपुर साहिब या किरतपुर साहिब से टैक्सी या बस ली जा सकती है। मंदिर तक का रास्ता घुमावदार पहाड़ी सड़कों से होकर जाता है।
  • पैदल मार्ग: मंदिर तक पहुँचने के लिए बस स्टैंड से लगभग 200-300 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो थोड़ी खड़ी हो सकती हैं।
  • रोपवे: मंदिर तक रोपवे की सुविधा उपलब्ध है, जो गोविंद सागर झील और आसपास की पहाड़ियों का सुंदर दृश्य प्रदान करती है।
  • पार्किंग: मंदिर के पास पार्किंग उपलब्ध है, लेकिन संकरी सड़कों पर सावधानी से गाड़ी चलानी पड़ती है।

6. आनंदपुर साहिब से नैना देवी मंदिर की दूरी कितनी है?
आनंदपुर साहिब से नैना देवी मंदिर की दूरी लगभग 20-25 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यात्रा में 26-45 मिनट लग सकते हैं। रोपवे बनने पर यह दूरी 3.5 किलोमीटर तक कम हो सकती है।

7. नैना देवी, बिलासपुर में होटल कहाँ उपलब्ध हैं?
नैना देवी में कई रहने के विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे:

  • PWD रेस्ट हाउस: सरकारी सुविधा, किफायती और आरामदायक।
  • धर्मशालाएँ: मंदिर के पास कई धर्मशालाएँ हैं, जो तीर्थयात्रियों के लिए उपयुक्त हैं।
  • निजी होटल: नैना देवी में कई छोटे-बड़े होटल उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत 17 USD (लगभग 1400 रुपये) से शुरू होती है।
  • आसपास के क्षेत्र: आनंदपुर साहिब और बिलासपुर में भी कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *